क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में औसत जीवन expectancy दूसरों के मुकाबले कम क्यों है? यह सवाल सिर्फ आँकड़ों तक सीमित नहीं, यह हमारे स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास से जुड़ा है। नीचे आसान भाषा में हम प्रमुख कारण और उनके समाधान पर चर्चा करेंगे, ताकि आप भी इस मुद्दे को समझ सकें और अपने जीवन में बदलाव ला सकें।
पहला कारण है अस्वस्थ जीवनशैली। कई लोग धूम्रपान, शराब, तेज़ी से फ़ास्ट फ़ूड खाने की आदतें रखते हैं। ऐसी आदतें हृदय‑रोग, डायबिटीज़ और कैंसर जैसी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं, जिनका सीधा असर आयु पर पड़ता है।
दूसरा कारण है स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुँच। ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की कमी, अस्पतालों का दूर होना और स्वास्थ्य बीमा का अभाव लोगों को समय पर इलाज से रोकता है। इस कारण छोटी‑छोटी बीमारियाँ भी बड़े मुद्दे बन जाती हैं।
तीसरा कारण है पर्यावरणीय प्रदूषण। वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण कार्बन मोनोऑक्साइड, अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों को बढ़ाता है। यदि हम साफ हवा और पानी की कमी को दूर नहीं करेंगे, तो आयु घटती रहेगी।
आखिरी पर अक्सर नजर नहीं आती, वह है पोषण की कमी। कई परिवार पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन और मिनरल नहीं पा पाते। बच्चों में कुपोषण और वयस्कों में कुपोषित आहार से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है।
अब बात करते हैं उन उपायों की, जो व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तर पर अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहला कदम है नियमित व्यायाम। सिर्फ 30 मिनट तेज़ चलना, साइकिल चलाना या योग करना भी हृदय‑स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और जीवन expectancy बढ़ाता है।
दूसरा, संतुलित आहार अपनाएँ। दलिया, दालें, हरी सब्ज़ियाँ और फल रोज़ खाएँ। प्रोसेस्ड फ़ूड और शक्कर को कम करें। अगर आप घर में ही पौष्टिक खाना तैयार करेंगे, तो पोषण की कमी से बचेंगे।
तीसरा, धूम्रपान और शराब को छोड़ें। यह आपके फेफड़े और लिवर पर बोझ कम करेगा और कई बीमारियों का जोखिम घटाएगा। अगर स्वयं नहीं कर पाते, तो डॉक्टर या काउंसलर की मदद लें।
चौथा, समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएँ। रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की रेग्युलर जाँच से शुरुआती संकेत मिलते हैं और इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है।
पाँचवां, पर्यावरण को स्वच्छ रखने में योगदान दें। प्लास्टिक उपयोग कम करें, कचरा सही जगह फेंके और सार्वजनिक स्थानों में धुएँ से बचें। इस तरह आप न सिर्फ अपनी, बल्कि अपने समुदाय की आयु को भी बढ़ा सकते हैं।
सरकार भी कई योजनाएँ चला रही है, जैसे आयु बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य बीमा, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र और स्वच्छ भारत मिशन। इन योजनाओं का पूरी तरह उपयोग करके हम सब मिलकर राष्ट्रीय औसत आयु को बढ़ा सकते हैं।
अंत में, अगर आप "भारत के जीवन की उम्र क्यों बहुत कम है?" लेख पढ़ना चाहते हैं, तो वह भी यहाँ उपलब्ध है। पढ़ें, समझें और अपने जीवन में छोटे‑छोटे बदलाव लाकर बड़ा अंतर बनाएं।
भारत में लोगों की आयु को देखते हुए, अगर हम दुनिया के अन्य देशों से तुलना करें तो यह देखा जाता है कि भारत में जीवन की उम्र काफी कम है। यह अंग्रेजी या अन्य देशों में से अलग है। आने वाले समय में भारत देश की आयु में वृद्धि होनी चाहिए, क्योंकि अच्छी आयु होना हमारे स्वास्थ्य, समाज, अर्थव्यवस्था और पॉपुलेशन को मुख्य रूप से प्रभावित करता है। इसलिए, राष्ट्र ने अनेक परियोजनाओं को शुरू कर दिया है ताकि जीवन की उम्र को बढ़ाया जा सके।
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