लाइफ कोच क्या है? आसान उत्तर और उपयोगी टिप्स

अगर आप अपनी ज़िन्दगी में दिशा की कमी महसूस कर रहे हैं तो लाइफ कोच की मदद ले सकते हैं। ये कोई जादू नहीं, बल्कि कुछ साधारण सवालों और अभ्यासों का सेट है जो आपके सोचने का तरीका बदल देता है। अक्सर हम रोज़मर्रा की चीज़ों में फँस जाते हैं, लेकिन सही गाइडेंस से रोज़ की छोटी‑छोटी जीत बड़ी सफलता बन जाती है।

आत्मविश्वास और लक्ष्य निर्धारण

लाइफ कोच सबसे पहले पूछता है – आपका असली लक्ष्य क्या है? बहुत लोग ‘भर्त्सना’ या ‘पैसे कमाना’ लिख देते हैं, पर असल में हमें यह देखना चाहिए कि ये लक्ष्य आपके मूल मूल्यों से कैसे मेल खाते हैं। एक आसान तरीका है: हर लक्ष्य को तीन भागों में बाँटें – क्या, क्यों और कैसे। उदाहरण के तौर पर, अगर आप ‘बेस्ट सिल्वरफिश प्लेयर’ बनना चाहते हैं, तो ‘क्या’ आपका स्कोर बढ़ाना, ‘क्यों’ आपके टीम को जीत तक ले जाना, और ‘कैसे’ रोज़ 30‑मिनट प्रैक्टिस और वीडियो एनालिसिस है।

दैनिक आदतें जो बदलेंगी ज़िंदगी

लाइफ कोच कहता है कि बड़ी बदलाव छोटी‑छोटी आदतों से शुरू होते हैं। सुबह उठते ही 5‑मिनट का जर्नल लिखें – आप किस चीज़ के लिए कृतज्ञ हैं और आज का मुख्य लक्ष्य क्या है। दोपहर में 10‑मिनट की ब्रेक में स्ट्रेच या हल्की वॉक करें, इससे दिमाग ताज़ा रहता है और काम की गुणवत्ता बढ़ती है। शाम को ‘डिज़िटल डिनर’ रखें – खाने के दौरान फोन बंद, परिवार या दोस्तों से बात। ये सरल रूटीन आपके तनाव को कम कर, ध्यान बढ़ाते हैं।

एक और महत्वपूर्ण अभ्यास है ‘फीडबैक लूप’ बनाना। हर हफ़्ते एक घंटे निकालकर खुद से पूछें – क्या मैंने लक्ष्य के करीब पहुँच पाया, क्या नया सीख पाया, अगली बार क्या बदलूँगा। यह आपके प्रगति को मापने में मदद करता है और निरंतर सुधार की राह खोलता है।

अगर आप विदेश जाने या भारत में रहने का सोच रहे हैं, तो लाइफ कोच आपका सच्चा साथी बन सकता है। एक दोस्तान व्यक्ति को देखते हुए, वह आपके ‘घर’ की भावना को भी समझेगा और नई संस्कृति में ढलने के लिए माइलस्टोन तय करेगा।

लाइफ कोचिंग सिर्फ करियर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, रिश्ते और मन की शांति को भी कवर करती है। उदाहरण के लिए, अगर आप रोज़ के खानपान को लेयर करना चाहते हैं, तो एक सरल नियम अपनाएँ – ‘रंगीन प्लेट’। रंगीन फल, सब्ज़ी और प्रोटीन को बराबर मिलाकर खाएँ, इससे शरीर को सारे पोषक तत्व मिलते हैं और ऊर्जा बनी रहती है।

समय-समय पर अपने आप को छोटे‑छोटे इनाम दें। अगर आपने सप्ताह में लक्ष्य पूरा किया, तो एक किताब पढ़ें, फ़िल्म देखें या पसंदीदा स्नैक का आनंद लें। यह मोटिवेशन को हाई रखता है और काम को थकाऊ नहीं बनाता।

अंत में, लाइफ कोच का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको आत्म-पर्यवेक्षण की आदत सिखाता है। जब आप खुद को समझेंगे, तो आपके निर्णय अधिक स्पष्ट और प्रभावी होंगे। तो आज ही एक छोटा कदम उठाएँ – एक पेपर के चारों ओर लिखें, ‘मैं क्या बदलना चाहता हूँ?’ और उस लिस्ट को रोज़ देखिए। छोटा बदलाव बड़ी जीत बन जाता है।

27जुल॰

एक लाइफ कोच और काउंसलर के बीच में अंतर क्या है?

के द्वारा प्रकाशित किया गया रविष्टर नवयान इंच मनोविज्ञान और सलाह
एक लाइफ कोच और काउंसलर के बीच में अंतर क्या है?

मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आइए, हम एक लाइफ कोच और काउंसलर के बीच के अंतर को समझते हैं। एक लाइफ कोच आपको आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है और आपको अग्रेषित रूप से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। वहीं, काउंसलर एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को समझते हैं और उन्हें उनकी समस्याओं से निपटने के लिए उपाय बताते हैं। दोनों का उद्देश्य व्यक्ति की मदद करना है, लेकिन उनका दृष्टिकोण और पद्धतियाँ अलग होती हैं।

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