16 अक्टूबर को उत्तराखंड में धूप, बैंगलोर में बारिश और कोंकण-गोवा में भारी वर्षा की चेतावनी

/ द्वारा रविष्टर नवयान / 0 टिप्पणी(s)
16 अक्टूबर को उत्तराखंड में धूप, बैंगलोर में बारिश और कोंकण-गोवा में भारी वर्षा की चेतावनी

16 अक्टूबर, 2024 को भारत के अलग-अलग हिस्सों में मौसम बिल्कुल अलग था — उत्तराखंड में धूप चमक रही थी, बैंगलोर में बारिश बरस रही थी, और कोंकण और गोवा में भारतीय मौसम विभाग ने भारी वर्षा की चेतावनी जारी कर दी। ये सिर्फ मौसम की बात नहीं, बल्कि भारत की जटिल जलवायु विविधता की एक जीवंत झलक है — जहाँ एक ओर हिमालय के तल पर ठंडी हवाएँ चल रही हैं, तो दूसरी ओर तटीय क्षेत्रों में नमी और बारिश का सिलसिला जारी है।

उत्तराखंड: धूप और शांति का दिन

उत्तराखंड में सुबह 7 बजे तापमान 20.84°C रहा, और पूरा दिन साफ आकाश रहा। उत्तराखंड के लिए दिन का अधिकतम तापमान 25.3°C और न्यूनतम 14.04°C रहने की उम्मीद है। आर्द्रता का स्तर 58% और हवा की गति 58 किमी/घंटा रही। सूर्योदय 6:15 बजे और सूर्यास्त 5:41 बजे हुआ। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों को धूप का आनंद लेने की सलाह दी गई, साथ ही सनस्क्रीन और सनग्लासेज का इस्तेमाल करने को कहा गया। अगले दिन, 17 अक्टूबर को तापमान थोड़ा घटकर 13.64°C तक आ सकता है, लेकिन आर्द्रता भी 51% तक गिर जाएगी — ये स्पष्ट संकेत है कि उत्तरी क्षेत्र में शीतकाल का दौर शुरू हो रहा है।

बैंगलोर: नमी और बारिश का अनुभव

दक्षिण के इस शहर में मौसम बिल्कुल अलग था। सुबह का तापमान 20.42°C था, लेकिन आर्द्रता 92% तक पहुँच गई — जो बारिश के लिए एक बड़ा संकेत है। दिन भर बारिश का अनुमान था, और हवा की गति 92 किमी/घंटा रही, जो असामान्य रूप से अधिक है। सूर्योदय 6:09 बजे और सूर्यास्त 6:00 बजे हुआ — दिन की लंबाई लगभग बराबर है। आश्चर्यजनक बात यह है कि बैंगलोर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) केवल 42.0 था, जो 'अच्छा' श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि बारिश ने हवा को साफ कर दिया। 17 अक्टूबर को तापमान बढ़कर 25.64°C हो सकता है, लेकिन आर्द्रता 78% तक घटेगी — ये दक्षिणी क्षेत्रों में मानसून के बाद की गर्मी का संकेत है।

कोंकण और गोवा: भारी वर्षा की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने 16 और 17 अक्टूबर के लिए कोंकण और गोवा क्षेत्र के लिए विशेष चेतावनी जारी की: 'अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा बहुत संभावित है।' ये चेतावनी सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि जीवन-रक्षक जानकारी है। इन क्षेत्रों में पहाड़ी रास्ते, बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। गोवा में पर्यटकों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है — जबकि स्थानीय लोग इस वर्षा को खेती के लिए आवश्यक मानते हैं। यहाँ की वर्षा की मात्रा अक्टूबर में औसतन 106 मिमी होती है, और यह वर्षा अक्सर बारिश के अंतिम लहरों का हिस्सा होती है।

दिल्ली और चेन्नई: देश के अंतर दिखाते तापमान

दिल्ली में अक्टूबर का तापमान 29.4°C (85°F) तक पहुँच सकता है, जो अभी भी गर्मी का अनुभव देता है, लेकिन रात का तापमान 17.8°C (64°F) तक गिर जाता है — ये स्पष्ट रूप से दिखाता है कि शीतकाल की शुरुआत हो चुकी है। चेन्नई में तो तापमान 33.3°C (92°F) तक रह सकता है, और रात का न्यूनतम 25.6°C (78°F) ही है। ये अंतर देश की जलवायु विविधता को समझने के लिए काफी है। दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में अभी भी उच्च आर्द्रता और गर्मी बनी हुई है, जबकि उत्तरी क्षेत्रों में ठंड का दौर शुरू हो रहा है।

मौसम का बड़ा चित्र: मानसून के बाद का संक्रमण

मौसम का बड़ा चित्र: मानसून के बाद का संक्रमण

अक्टूबर भारत के लिए एक रूपांतरण का महीना है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस महीने में औसतन 3 से 8 दिन बारिश होती है, और दिन के 11.6 घंटे सूरज चमकता है। यह अवधि उत्तरी भारत के लिए मानसून के अंत और शीतकाल की शुरुआत के बीच का समय है, जबकि दक्षिण और पश्चिमी तटों पर बारिश अभी भी बनी हुई है। कोंकण और गोवा के लिए यह अंतिम बारिश का अवसर है — जिसके बाद अक्टूबर के अंत तक शुष्क मौसम शुरू हो जाएगा।

अगले कदम: क्या उम्मीद करें?

अगले 48 घंटों में कोंकण और गोवा में बारिश जारी रहेगी, और स्थानीय प्रशासन बाढ़ और भूस्खलन के लिए तैयार है। उत्तराखंड में तापमान घटता रहेगा — शायद अगले हफ्ते शाम को बर्फ की बूंदें भी दिखने लगें। बैंगलोर में गर्मी बढ़ेगी, लेकिन आर्द्रता घटेगी — ये शहर अब धीरे-धीरे शुष्क मौसम की ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये विषमता अब अधिक अक्सर देखी जा रही है — जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के अंत का समय अनिश्चित होता जा रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कोंकण और गोवा में भारी बारिश का क्या प्रभाव पड़ सकता है?

कोंकण और गोवा में भारी बारिश से सड़कें बंद हो सकती हैं, घरों में पानी भर सकता है, और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। पर्यटन स्थलों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है — कई होटल और बोट सेवाएँ बंद हो जाती हैं। लेकिन यह बारिश कृषि के लिए जरूरी है, खासकर नारियल, खीरा और जलकुंभी की फसलों के लिए।

बैंगलोर में AQI 42.0 का मतलब क्या है?

AQI 42.0 का मतलब है कि हवा की गुणवत्ता 'अच्छी' है — यानी वायु प्रदूषण का स्तर बहुत कम है। इसका मुख्य कारण बारिश है, जो धूल, धुएँ और अन्य प्रदूषकों को हवा से निकाल देती है। लोग बाहर निकल सकते हैं, व्यायाम कर सकते हैं, और बच्चों को खेलने के लिए बाहर भेज सकते हैं। यह अक्टूबर में बैंगलोर के लिए एक असामान्य रूप से स्वस्थ दिन है।

उत्तराखंड में तापमान घटने का क्या कारण है?

उत्तराखंड में तापमान घटने का कारण हिमालय के पास ठंडी हवाओं का आना है। अक्टूबर के अंत तक, उत्तरी भारत में उच्च वायु दबाव का निर्माण होता है, जो ठंडी हवाओं को दक्षिण की ओर धकेलता है। इसके साथ ही दिनों की लंबाई घटती जा रही है — ये शीतकाल के आने के संकेत हैं।

क्या अक्टूबर में भारत में बारिश का अंत हो जाता है?

नहीं, अक्टूबर में मानसून का अंत उत्तरी भारत में होता है, लेकिन दक्षिणी और पश्चिमी तटों पर बारिश अभी भी जारी रहती है। बैंगलोर, कोंकण और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में अक्टूबर के अंत तक बारिश हो सकती है। यह एक धीमा और असमान वापसी है — जिसे 'मानसून का पीछे हटना' कहा जाता है।

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