नमस्ते! क्या आप कभी सोचते हैं कि भारत छोड़कर कहीं और रहना कैसा रहेगा? अगस्त 2023 में हमने इसी दार्शनिक सवाल पर एक खास लेख लिखा था। चलिए, उसी लेख के प्रमुख बिंदुओं को आज फिर से देखते हैं – बिना किसी झंझट के, बस सीधे‑सपाट बातों में.
सबसे पहले तो भारत की जुबानी बात – यहाँ खाना, त्यौहार और लोग सब कुछ ऐसा है कि दिल ही नहीं, दिमाग भी जलेबी जैसा घुमा देता है। सुबह की चाय, दोपहर का ठेले वाला बेस्ट चाट, शाम को गोलगप्पे – ये सब रोज़मर्रा की ज़िंदगी में मिलते हैं। हर 50 किलोमीटर पर नई बोली, नई रीति‑रिवाज मिलते हैं, जिससे यात्रा मज़ेदार बनती है।
त्यौहारों की बात करें तो यहाँ हर साल कम से कम 12 बड़े‑छोटे त्यौहार आते हैं। दिवाली की दीवाली, होली की रंगीनियाँ, ईद की मिठाइयाँ, नवरात्रि की धूम – इन सबके बीच काम‑काज, पढ़ाई‑लिखाई और मनोरंजन का एक खिंचा‑तान सिला बना रहता है। यही विविधता ही भारत को खास बनाती है।
अब बात करते हैं विदेश की। सबसे बड़ा आकर्षण अक्सर बेहतर वेतन, नई तकनीक, और अंतरराष्ट्रीय माहौल होता है। कई लोग मानते हैं कि विदेश में रहने से करियर की ऊँचाइयाँ छू सकते हैं, और जीवन स्तर भी सुधरता है।
परंतु, यहाँ कुछ चुनौतियाँ भी हैं। भाषा की बाधा, घर की याद, कभी‑कभी ठंड या गर्मी के कारण स्वास्थ्य समस्याएँ। साथ ही, स्थानीय संस्कृति में घुल‑मिलने में समय लगता है। बहुत से लोग कहते हैं कि वह भारतीय चाट नहीं मिलती, तो खाने‑पीने में कमी महसूस होती है।
अगर आप विदेश जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो एक सूची बनाइए – क्या आप बेहतर वेतन चाहते हैं, नई भाषा सीखना चाहते हैं, या बस नई जगहों का अनुभव करना चाहते हैं? इस सूची के आधार पर आप तय कर सकते हैं कि विदेश आपके लिए सही कदम है या नहीं.
वहीं भारत में रहने का अपना एक अलग मज़ा है। यहाँ के रिश्ते, सामुदायिक समर्थन और आसपास की हर चीज़ आपके जीवन को सहज बनाती है। चाहे वो सर्दी में गर्म दही वाला लस्सी हो या बारिश में गली में गाना गाने वाले लोग – ये सब आपको घर का एहसास दिलाते हैं.
तो, आपके सवाल का जवाब क्या है? अगर आप एक स्थिर, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जीवन चाहते हैं, तो भारत ही सबसे अच्छा विकल्प है। अगर आप करियर, नई तकनीक और अलग अनुभव की तलाश में हैं, तो विदेश की राह देख सकते हैं। मुख्य बात यह है कि अपने लक्ष्य, बजट और व्यक्तिगत पसंद को ध्यान में रखकर ही निर्णय लें.
अगस्त 2023 में हमने इसी सवाल का सरल उत्तर देने की कोशिश की। आशा है कि अब आप भी इस तुलना को अपने जीवन में लागू कर सकेंगे। चाहे आप भारत में ही रहें या विदेश में, सबसे ज़रूरी है खुशी और संतुलन बनाए रखना.
अरे भाई, भारत में रहने का अपना ही मजा है, कहीं और रहने का सोचना भी नहीं चाहिए। यहाँ की चाट, गोलगप्पे, ढाबे की चाय, कहीं और नहीं मिलेंगी, बुरा ना मानना दोस्तों! फिर यहाँ की त्योहारों की बात ही कुछ और है, दिवाली से होली, ईद से नवरात्रि, यहाँ हर दिन त्योहार ही त्योहार है। और अगर भाषा की बात करें तो हर 50 किलोमीटर पर नई भाषा, नया संस्कृति - ऐसी विविधता और कहाँ मिलेगी? हाँ, विदेशों में जाकर नयी चीजें सीखने का और अनुभव करने का अपना ही थ्रिल होता है, लेकिन दोस्तों, 'घर' की बात ही कुछ और होती है। तो क्यों न भारत जैसा देश छोड़कर कहीं और जाएं?
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