अरे भाई, भारत में रहने का अपना ही मजा है, कहीं और रहने का सोचना भी नहीं चाहिए। यहाँ की चाट, गोलगप्पे, ढाबे की चाय, कहीं और नहीं मिलेंगी, बुरा ना मानना दोस्तों! फिर यहाँ की त्योहारों की बात ही कुछ और है, दिवाली से होली, ईद से नवरात्रि, यहाँ हर दिन त्योहार ही त्योहार है। और अगर भाषा की बात करें तो हर 50 किलोमीटर पर नई भाषा, नया संस्कृति - ऐसी विविधता और कहाँ मिलेगी? हाँ, विदेशों में जाकर नयी चीजें सीखने का और अनुभव करने का अपना ही थ्रिल होता है, लेकिन दोस्तों, 'घर' की बात ही कुछ और होती है। तो क्यों न भारत जैसा देश छोड़कर कहीं और जाएं?
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