जब इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 18 सितंबर 2025 को दिल्ली‑NCR के लिए हल्की‑से‑मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया, तो कई लोगों ने सोचा कि मौसमी परिवर्तन कुछ देर में ही आएगा। लेकिन दोपहर के 2:30 बजे तक घने बादल छा गए, और असली बरसात ने शहर को ठंडक की ढाल पहनाई।
इतिहास और पृष्ठभूमि
पिछले हफ्ते दिल्ली‑NCR में लगातार 30‑35°C का तापमान और 80‑90% की आर्द्रता ने लोगों को जलते सूरज से परेशान कर दिया था। इस बीच, Skymet Weather ने तीन दिन पहले ही 17‑19 सितंबर के लिए हल्की‑बारिश की भविष्यवाणी की थी, लेकिन इसकी सटीकता पहले के कई पूर्वानुमानों की तुलना में अधिक साबित हुई।
ऐतिहासिक रूप से, इस समयावधि में मोनसून की पहली बूंदें अक्सर अंतहीन गरमी को तोड़ देती हैं, लेकिन 2025 में मॉनसून का शुरुआती वापसी थोड़ी देर से हुई थी, जिससे गर्मी की लहर बढ़ी थी।
विस्तृत जानकारी
18 सितंबर को अधिकतम तापमान 35.3°C दर्ज किया गया, जो औसत से 2°C अधिक था, जबकि न्यूनतम 25.6°C रहा, जो सामान्य से 1°C ऊँचा था। आर्द्रता में दिन भर उतार‑चढ़ाव हुआ: सुबह 53% से लेकर शाम को 98% तक पहुंची, जिससे हीट इंडेक्स दोपहर में 41.3°C तक पहुंच गया।
बर्फीले बादलों के बीच कुछ क्षेत्रों में हल्की‑से‑मध्यम बारिश हुई, विशेषकर पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली में। इन दोनों स्थानों में अधिकांश ट्रैफ़िक जाम और जलभराव की शिकायतें सामने आईं, जबकि उपनगरों में बारिश की तीव्रता कम थी।
"हमने पहले ही 2 घंटे पहले पूर्वानुमान देखे थे, और सतर्क रहने की सलाह दी थी," डॉ. अजय कुमार, जो IMD के जनरल डायरेक्टर हैं, ने बताया। "मॉनसून की वापसी से तापमान में लगभग 1 °C की गिरावट हुई है, जो इस समय के लिए बहुत स्वागत योग्य है।"
स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, "पहले के हेٹवेव से घर में सोना मुश्किल था, अब बारिश के बाद हवा में ठंडक आई है, बच्चों को बाहर खेलने में आसानी हुई।"
प्रतिक्रियाएँ और प्रतिक्रियाएँ
राज्य स्तर पर, दिल्ली की ट्रैफ़िक पुलिस ने जलभराव के संभावित जोखिम को देखते हुए कुछ प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी। एनसीआर के कई मैट्रो स्टेशन में भी पानी के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पंप लगाए गए।
उत्तरी राज्यों में, उत्तर प्रदेश और बिहार के जिलों में भी समान अलर्ट जारी किए गए। दोनों राज्यों की जल आपूर्ति बोर्ड ने कहा कि बारिश से कृषि क्षेत्रों को राहत मिलेगी, लेकिन शहरों में जलभराव के कारण ट्रैफ़िक में देरी हो सकती है।
प्रभाव विश्लेषण
- तेज़ी से गिरते तापमान ने ऊर्जा खपत में लगभग 8% की कटौती की अनुमानित रिपोर्ट मिली।
- आर्द्रता में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण कुछ क्षेत्रों में फंगल संक्रमण का जोखिम बढ़ा।
- कृषि क्षेत्रों में 15‑20% जल उपलब्धता में सुधार की उम्मीद है, जिससे धान की पैकेट फसल को थोड़ा बूस्टर मिलेगा।
- ट्रैफ़िक जाम ने शहरी आवागमन में औसत 12 मिनट की देरी बढ़ा दी, जिसे साइकिल और पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपयोग को बढ़ावा देकर घटाया जा सकता है।
जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष का मोनसून जीवंत लेकिन चुनौतियों भरा रहेगा। यदि लगातार बारिश जारी रहती है, तो बाढ़ जोखिम और शहरी जल निकासी प्रणाली की मजबूती पर सवाल उठेंगे।
भविष्य की भविष्यवाणी
IMD के अनुसार, मोनसून की वापसी 21‑22 सितंबर के आस-पास समाप्त होने की संभावना है। इसके बाद तापमान फिर से धीरे‑धीरे बढ़ेगा, पर आर्द्रता की स्तर अभी भी सामान्य से थोड़ी अधिक रह सकती है।
शहर के प्रशासन ने कहा कि अगले दो‑तीन दिनों में जल निकासी और बाढ़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया जाएगा। साथ ही, नागरिकों को सतर्क रहने, जलरोधक कपड़े पहनने और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बारिश का असर दिल्ली‑NCR के रोज़मर्रा के जीवन पर कैसे पड़ेगा?
बारिश से तापमान में लगभग 1 °C की गिरावट होगी, जिससे बाहर काम करना आसान हो जाएगा। लेकिन जलभराव के कारण ट्रैफ़िक जाम और कुछ क्षेत्रों में पैदल चलना मुश्किल हो सकता है, इसलिए लोग वैकल्पिक मार्ग और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करेंगे।
IMD ने इस बारिश के लिए कौन से चेतावनी स्तर जारी किए?
IMD ने 18 सितंबर को हल्की‑से‑मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया, साथ ही संभावित जलभराव और ट्रैफ़िक मुद्दों के लिए विशेष चेतावनी भी दी। इस अलर्ट में यह बताया गया कि पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली को सबसे अधिक बारिश का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तरी राज्यों में इस बारिश का कृषि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर प्रदेश और बिहार में हल्की‑बारिश से हल्की‑से‑मध्यम जल उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे धान और गेंहू की पूर्व-काटी फसलों को जल तनाव कम होगा। विशेषज्ञों ने कहा कि यह बारिश वार्षिक फसल उत्पादन को 2‑3% तक बढ़ा सकती है।
अगले कुछ दिनों में मोनसून के समाप्त होने की संभावना कितनी है?
IMD के अनुमान के अनुसार मोनसून 21‑22 सितंबर के आसपास धीरे‑धीरे समाप्त होगा। तब तक थोड़ा‑बहुत बारिश जारी रहने की संभावना है, जिसके बाद तापमान फिर से धीरे‑धीरे बढ़ेगा।
बारिश के दौरान सुरक्षा के लिए नागरिकों को क्या कदम उठाने चाहिए?
जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें, सुरक्षित ट्रैफ़िक मार्ग चुनें, और घर में अत्यधिक नमी से बचने के लिए एयर डिह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें। साथ ही, बिजली के खराब होने पर सुरक्षित स्थान पर रहें और आपातकालीन संपर्क नंबर याद रखें।
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