गेहूं: खेती से रसोई तक की पूरी गाइड

गेहूं भारत की सबसे बड़ी फसल है, और इसका उपयोग रोटी, पराठा, केक आदि में होता है। अगर आप किसान हैं, घर में खाना बनाते हैं, या बस कीमतें जानना चाहते हैं, तो ये लेख आपके लिये है।

गेहूं की खेती और बाजार

गेहूं की बुवाई आमतौर पर अक्टूबर‑नवम्बर में होती है, जब मौसम ठंडा और हल्का रहता है। सबसे ज़्यादा उपज वाले क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं। बुवाई से पहले जमीन को अच्छी तरह जोतें, फिर 150‑200 किलोग्राम/हेक्टेयर बीज डालें और हल्की रोपण चाल रखें।

सिंचाई का समय मुख्य रूप से बीज अंकुरित होने के बाद और बड़ाई के दौरान होता है। अगर आप फसल को हरा‑भरा रखना चाहते हैं तो हर 10‑15 दिन में हल्की पानी देना ठीक रहता है। आजकल सटीक खेती के लिये ड्रिप इर्रिगेशन या स्प्रिंकलर सिस्टम अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं।

फसल कटाई आमतौर पर दुर्गा या अंतरात्रि में शुरू होती है। जब पंखुड़ियाँ पीली पड़ जाएँ और फसल में नमी का स्तर लगभग 15‑18% हो, तो कटाई शुरू करें। नई तकनीकें जैसे राइस थ्रेशर या थ्रेशर मशीन से कटाई तेज़ और कम मेहनत वाली होती है।

बाजार में गेहूं की कीमतें सर्दी‑गर्मियों में बदलती रहती हैं। वर्तमान में (सितंबर 2025) गेहूं की मिनी मार्जिन 2,200 ₹/किलोग्राम के आसपास है, पर इस कीमत पर स्थानीय मंडियों के हिसाब से थोड़ा‑बहुत अंतर हो सकता है। यदि आप किसानों के लिये बेहतर एमएनएफ़ (मिनिमम नॉच फ़ायदा) चाहते हैं, तो सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नज़र रखें।

गेहूं का पोषण और रेसिपी

गेहूं में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, बी‑विटामिन और खनिजों का अच्छा संतुलन मिलता है। 100 ग्राम गेहूं के आटे में लगभग 340 कैलोरी, 12 ग्राम प्रोटीन और 2 ग्राम फाइबर होते हैं। यह पाचन को ठीक रखता है और ऊर्जा प्रदान करता है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो पूरे अनाज वाले गेहूं को चुनें, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

घर में बेसिक रेसिपी जैसे रोटी, पराठा या पाव भाजी बनाना बहुत आसान है। सबसे पहले आटे में थोड़ा नमक और पानी डालकर सख्त गूँथ लें। गोल लोइयों में बेलें और तवे पर डालें, दोनों तरफ हल्का सुनहरा होने तक पकाएँ। अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं, तो मल्टी‑ग्रेन पराठा या चपाती में बेसन और सब्जियों को मिलाकर पोषण बढ़ा सकते हैं।

एक लोकप्रिय स्नैक है ‘गेहूं का लस्सा’। दो कप गेहूं का आटा, एक कप दही, हरी मिर्च और मसाले मिलाकर घोल बनायें, फिर ड्राइ फ्राई पैन में थोड़‑थोड़ कर पकायें। यह स्वाद भी देता है और सर्दियों में शरीर को गर्म रखता है।

अगर आप मिठाई पसंद करते हैं, तो गेहूं से बना ‘गेहूं का हलवा’ आजमाएँ। गेहूं के आटे को घी में भूनें, फिर दूध, शक्कर और केसर डालकर पकाएँ। यह हल्का, पौष्टिक और त्योहारों के लिए बेहतरीन रहता है।

संक्षेप में, गेहूं सिर्फ रोटी नहीं, बल्कि एक बहुउपयोगी खाद्य स्रोत है। खेती की अच्छी तकनीक, बाजार की समझ और पौष्टिक रेसिपी के साथ आप इसे जीवन के हर पहलू में इस्तेमाल कर सकते हैं। अब जब आप गेहूं के बारे में सबकुछ जान गए हैं, तो अपनी अगली रसोई या खेत में इसे अपनाएँ और स्वाद व लाभ दोनों का आनंद लें।

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के द्वारा प्रकाशित किया गया रविष्टर नवयान इंच
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भारत में अनेक भोजन पसंदीदा हैं। ये हर कोई अनुकूल हैं। हमारे भोजन में फलों, दलहनों, गेहूं, रसोई में तैयार खाने का रस और अन्य सामग्री शामिल हैं। भारतीय भोजन में अनेक आहार शामिल हैं जो विभिन्न तरह के पौष्टिक तत्व और पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं।

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