पौष्टिक तत्व: आपके शरीर की ऊर्जा और स्वास्थ्य की कुंजी

जब आप लंच या डिनर की तैयारी करते हैं, तो अक्सर स्वाद ही सोचते हैं, लेकिन पोषण का सही ध्यान रखना उतना ही जरूरी है। पौष्टिक तत्व वो घटक हैं जो हमारे शरीर को हिलते-डुलते रखने में मदद करते हैं। यह लेख आपके लिए सरल भाषा में बताता है कि कौन‑कौन से तत्व होते हैं, उनका काम क्या है, और रोज़मर्रा की थाली में उन्हें आसानी से कैसे शामिल करें।

मुख्य पौष्टिक तत्व और उनका काम

प्रोटीन – मांसपेशियों की मरम्मत और बनावट में प्रयोग होता है। दालें, अंडा, माँस, पनीर इनके प्रमुख स्रोत हैं।
कार्बोहाइड्रेट – शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। चावल, रोटी, आलु, फल इसमें शामिल हैं.
विटामिन – शरीर की कई प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। विटामिन C नींबू और नारियल पानी में, विटामिन A गाजर और हरी पत्तियों में मिलते हैं.
मिनरल्स – हड्डियों, दांतों और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। कैल्शियम दूध में, आयरन पालक में प्रमुख हैं.
फाइबर – पाचन को सुचारु रखता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है। साबुत अनाज, सब्जियाँ, फल में भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

इन पांच समूहों को समझना आसान है, लेकिन उन्हें सही मात्रा में लेना ज़रूरी है। बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट या बहुत कम प्रोटीन शरीर को जल्दी थकाता है, जबकि विटामिन और मिनरल्स की कमी से नींद, त्वचा या इम्यून सिस्टम में समस्या आ सकती है.

अपनी डाइट में पौष्टिक तत्व कैसे शामिल करें

पहला कदम है रंग-बिरंगी थाली बनाना। एक ही रंग या एक ही प्रकार की चीजें खाने से पोषक तत्वों का संतुलन नहीं बनता। लाल टमाटर, हरे पत्ते, पीले शिमला मिर्च, बैंगनी बैंगन सब अलग‑अलग विटामिन लाते हैं।

दूसरा, प्रोटीन को हर भोजन में रखें। अगर आप शाकाहारी हैं तो दाल, राजमा, सोयाबीन या पनीर का एक छोटा हिस्सा जरूर लें। माँस खाने वाले लोग हरी सब्जी के साथ माँस को ग्रिल या हल्का भून कर खाएँ; इससे प्रोटीन और फाइबर दोनों मिलेंगे.

तीसरा, फाइबर को न भूलें। रोटी बनाते समय मुलाए या ओट का आटा उपयोग करें, सफ़ेद चावल की जगह भूरे चावल या क्विनोआ चुनें। यह पाचन को बेहतर बनाता है और लंबा समय तक पेट भरा रखता है.

चौथा, विटामिन C को ताजी फल या नींबू पानी से पूरा करें। एक कप ग्रीन टी या नींबू के साथ पानी पीना भी शरीर को एंटीऑक्सीडेंट देता है.

पाँचवा, कैल्शियम के लिए दूध, दही या पनीर को दिन में दो बार शामिल करें। अगर आप लैक्टोज़ असह्य हैं तो सोया या बादाम दूध भी काम करेगा.

इन छोटे‑छोटे बदलावों से आपकी डाइट में पौष्टिक तत्वों का संतुलन बनता है, बिना स्वाद का बलिदान दिए। याद रखें, पोषण सिर्फ डीटैब या सप्लीमेंट नहीं, बल्कि हर रोज़ के खाने में छुपा है। जब आप अपने परिवार के लिए खाना बनाते हैं, तो इन बिंदुओं को ध्यान में रखिए, तो हर कोर्स में पौष्टिकता का सही मिश्रण मिलेगा.

अंत में, अपने शरीर की सुनें। अगर आप थका हुआ महसूस करते हैं या वजन में अचानक बदलाव देखते हैं, तो अपने खाने में कौन‑सें तत्व कम हैं, इस पर एक बार गौर करें। छोटे‑छोटे सुधार तुरंत असर दिखा सकते हैं और आपका स्वास्थ्य कई सालों तक बरकरार रहेगा.

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भारतीय भोजन में क्या ऐसा अच्छा है?

के द्वारा प्रकाशित किया गया रविष्टर नवयान इंच
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भारत में अनेक भोजन पसंदीदा हैं। ये हर कोई अनुकूल हैं। हमारे भोजन में फलों, दलहनों, गेहूं, रसोई में तैयार खाने का रस और अन्य सामग्री शामिल हैं। भारतीय भोजन में अनेक आहार शामिल हैं जो विभिन्न तरह के पौष्टिक तत्व और पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं।

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