क्या आप अक्सर थकान, बाल झड़ना या त्वचा की समस्याओं से जूझते हैं? अक्सर कारण सिर्फ पोषक तत्त्वों की कमी ही होता है। सही पोषण न सिर्फ रोगों से बचाता है, बल्कि ऊर्जा, मस्तिष्क की गति और मूड को भी बेहतर बनाता है। चलिए जानते हैं कौन से पोषक तत्त्व आपके खाने में होने चाहिए और उन्हें आसानी से कैसे शामिल किया जाए।
पोषक तत्त्व वो खाद्य घटक हैं जो शरीर को ऊर्जा, विकास और सुरक्षा प्रदान करते हैं। इन्हें दो बड़े समूहों में बाँटा जाता है – मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा) और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (विटामिन, खनिज)। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन रोज़ की ऊर्जा और मांसपेशियों की मरम्मत के लिए जरूरी हैं, जबकि विटामिन और मिनरल्स शरीर की कई रासायनिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
उदाहरण के तौर पर, विटामिन C प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, विटामिन D हड्डियों को मजबूत करता है और आयरन खून में हीमोग्लोबिन बनाता है। इन छोटी‑छोटी चीज़ों को नजरअंदाज करने से बड़ी बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है।
सबसे आसान तरीका है विविधता। एक ही तरह का भोजन खा कर पोषक तत्त्वों की कमी होने की संभावना रहती है। यहाँ कुछ सरल टिप्स हैं जो आपके रोज़मर्रा के खाने को पौष्टिक बना देंगे:
एक और ट्रिक है कि भोजन को कच्चा या हल्का पकाकर खाएं। बहुत ज्यादा गरम या ज्यादा टिंडित खाना विटामिन C और बी‑विटामिन को नष्ट कर देता है।
अगर आप शाकाहारी हैं तो बी12 सप्लीमेंट या फोर्टिफाइड फूड लेना फायदेमंद रहता है, क्योंकि यह विटामिन मुख्यतः पशु‑उत्पादों में मिलता है।
आखिरकार, पोषक तत्त्वों को लीडिंग करने का सबसे भरोसेमंद तरीका है एक हफ़्ते का मेनू प्लान बनाना। अपनी पसंदीदा रेसिपी में ऊपर बताए गए आइटम्स को घुमा‑फिरा कर डालें, फिर देखेंगे कि बिन‑ध्यान के भी आपको जरूरी विटामिन‑मिनरल मिल रहे हैं।
तो अगली बार जब आप किराने की दूकान जाएँ, तो याद रखें – रंग‑बिरंगी सब्ज़ियाँ, दाल‑बीन, नट्स और पूरा अनाज आपका सबसे आसान पोषण दोस्त है। इन छोटे‑छोटे बदलावों से आपका शरीर धीर‑धीरे स्वस्थ, ऊर्जा से भरपूर और रोग‑मुक्त बन जाएगा।
भारत में अनेक भोजन पसंदीदा हैं। ये हर कोई अनुकूल हैं। हमारे भोजन में फलों, दलहनों, गेहूं, रसोई में तैयार खाने का रस और अन्य सामग्री शामिल हैं। भारतीय भोजन में अनेक आहार शामिल हैं जो विभिन्न तरह के पौष्टिक तत्व और पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं।
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