लखनऊ/बांदा। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बांदा जिले की तिंदवारी सीट से विधायक बृजेश प्रजापति बांदा में तैनात पुलिस अधीक्षक शालिनी पर अपनी हत्या करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाकर पार्टी हाईकमान के निशाने पर आ गए हैं। हाईकमान की कड़ी फटकार लगने के बाद प्रजापति अब ’सांप-छछूंदर’ वाली स्थिति में लखनऊ आवास में हैं और मीडिया से पूरी तरह कन्नी काटे हुए हैं।
विधायक प्रजापति ने अपने फेसबुक अकाउंट पर शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक शालिनी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बालू माफियाओं से मिलकर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं, उन्होंने एसपी पर दो बार असफल एक्सीडेंट करवाने का भी आरोप लगाया था।
उनका यह पोस्ट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ। इसे इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया ने भी प्रमुखता दी। अपने ही विधायक के इन आरोपों से योगी सरकार की भी खूब किरकिरी हुई थी।
सूत्र बताते हैं कि भाजपा विधायक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी की प्रदेश हाईकमान ने तत्काल लखनऊ तलब कर लिया और कड़ी फटकार लगाई है। इस संवाददाता ने सोमवार सुबह विधायक के लखनऊ स्थित नवनिर्मित सरकारी आवास 302, दारुलशफा जाकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की, तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। बाद में उनके करीबी मनोज ने कहा, “विधायकजी की रविवार से तबीयत खराब है, वह मीडिया से नहीं मिल सकते।“
बांदा जिले के ही एक अन्य सीट से भाजपा विधायक ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “तिंदवारी विधायक का परिवार भाजपा में कभी नहीं रहा, उनके पिता बसपा से जुड़े रहे और मायावती सरकार में राज्यमंत्री भी थे। इसीलिए भाजपा की विचारधारा के विपरीत वह आए दिन कुछ न कुछ बवाल करते रहते हैं।“
बहरहाल, पुलिस अधीक्षक से जान का खतरा बताकर तिंदवारी विधायक अब बैकफुट पर आ गए हैं और ’भय गति सांप-छछूंदर केरी, उगलत-निगलत प्रीति घनेरी’ वाली कहावत की स्थिति से गुजर रहे हैं।