संवाददाता हर्षित मिश्रा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसूत्र सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को शून्यकाल में जमकर हंगामा हुआ। यह हंगामा नेता प्रतिपक्ष की तरफ से तीन कांग्रेसी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र और कांग्रेस विधायक रेणु जोगी को विधायक दल की बैठक में आमंत्रित नहीं करने को लेकर हुआ। इस मामले पर शून्यकाल में शिवरतन शर्मा ने उन कारणों को स्पष्ट करने की मांग की, जिनके चलते सदस्यों की सदस्यता खत्म करने के लिए नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में वरिष्ठ सदस्य रेणु जोगी को नहीं बुलाया जाता है, समाचार पत्रों में ऐसी खबरें छपी हैं। इस दौरान प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि प्रदेश जानता है कि कांग्रेस से विभाजित होकर जेसीसी का गठन हुआ है। इस पर भूपेश बघेल ने आपत्ति जताई और कहा कि विभाजन नहीं हुआ है, बल्कि कांग्रेस निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने पार्टी बनाई है।
मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा, “रेणु जोगी उस परिवार की सदस्य हैं, इसलिए उन्हें विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया जाता।“ विधानसभा अध्यक्ष, गौरीशंकर अग्रवाल ने व्यवस्था देते हुए कहा, “रेणु जोगी को विधायक दल की बैठक की सूचना दी गई या नहीं, यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है। इसलिए मैं इसे व्यवस्था का प्रश्न नहीं मानता।“
विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि रेणु जोगी सदन में मौजूद हैं, लिहाजा उन्हें खुद स्पष्ट करने दीजिए। विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने अमित जोगी, आर.के. राय और सियाराम कौशिक की सदस्यता खत्म किए जाने के मामले में व्यवस्था देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के इस पत्र पर मैं व्यवस्था दूंगा।
इसी दौरान मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसी सदस्य का अपमान पूरे सदन का अपमान है। रेणु जोगी का कांग्रेस पार्टी लगातार अपमान कर रही है। नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव बृजमोहन अग्रवाल की इस टिप्पणी पर भड़के उठे, और उन्होंने कहा कि जब सदस्य खुद कह रही हैं कि वह कांग्रेस की सदस्य हैं, तो फिर बार-बार सत्तापक्ष ऐसी टिप्पणी कर उनका अपमान कर रहा है।