अरे भाई, भारत में रहने का अपना ही मजा है, कहीं और रहने का सोचना भी नहीं चाहिए। यहाँ की चाट, गोलगप्पे, ढाबे की चाय, कहीं और नहीं मिलेंगी, बुरा ना मानना दोस्तों! फिर यहाँ की त्योहारों की बात ही कुछ और है, दिवाली से होली, ईद से नवरात्रि, यहाँ हर दिन त्योहार ही त्योहार है। और अगर भाषा की बात करें तो हर 50 किलोमीटर पर नई भाषा, नया संस्कृति - ऐसी विविधता और कहाँ मिलेगी? हाँ, विदेशों में जाकर नयी चीजें सीखने का और अनुभव करने का अपना ही थ्रिल होता है, लेकिन दोस्तों, 'घर' की बात ही कुछ और होती है। तो क्यों न भारत जैसा देश छोड़कर कहीं और जाएं?
अधिकअरे ओ दोस्तों, आपने तो एक बहुत ही चुनिंदा सवाल पूछ लिया! आप जानना चाहते हैं कि भारत में मुख्य एंटी-मोदी टीवी चैनल कौन से हैं। यार, ये तो विशेष रूप से मेरे जैसे ब्लॉगर्स के लिए एक मजेदार टॉपिक है! लेकिन इसका जवाब देना उत्तप्त तेल पर हाथ रखने जैसा है, यानी टटोलिए बिना पानी में कूदने जैसा! वैसे भी, टीवी चैनल तो खुद को निष्पक्ष कहते हैं, पर किसी को एंटी-मोदी मानना या नहीं, यह तो दर्शक की अपनी समझ पर निर्भर करता है। इसलिए, दोस्तों, अपनी खुद की समझ और विचारधारा को मजबूत बनाइए और स्वतंत्रता पूर्वक सोचिए। धन्यवाद!
अधिकमेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आइए, हम एक लाइफ कोच और काउंसलर के बीच के अंतर को समझते हैं। एक लाइफ कोच आपको आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है और आपको अग्रेषित रूप से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। वहीं, काउंसलर एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को समझते हैं और उन्हें उनकी समस्याओं से निपटने के लिए उपाय बताते हैं। दोनों का उद्देश्य व्यक्ति की मदद करना है, लेकिन उनका दृष्टिकोण और पद्धतियाँ अलग होती हैं।
अधिकमेरी इस ब्लॉग में आपको ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों देशों के बीच रहने के लिए बेहतर स्थान का विश्लेषण मिलेगा। मैंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्यावसायिक अवसर, सांस्कृतिक विविधता और मौसम, इन सभी पहलुओं के आधार पर एक तुलना की है। दोनों देशों की अपनी अद्वितीय विशेषताएं होती हैं, जो एक व्यक्ति के निजी और पेशेवर जीवन को प्रभावित करती हैं। अंत में, बेहतर स्थान का चयन आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
अधिकविदेशी अक्सर भारत में रहने के बारे में नहीं सोचते हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण हो सकता है भारतीय संस्कृति की समझने में कठिनाई, जो कभी-कभी उन्हें निराश कर सकती है। दूसरा कारण हो सकता है भारत के सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं को समझने में असमर्थता। तीसरा, उन्हें भारतीय भाषाओं की समझ न होना भी एक बड़ी समस्या हो सकती है।
अधिकअमेरिका की तरह, भारत के खाद्य से जुड़े सबसे ज्यादा मुद्दों में से एक है कि अमेरिका के लोग भारतीय खाद्य को गलत तरीके से समझ रहे हैं। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि अमेरिकी लोग भारत के खाद्य पदार्थों को सही तरीके से बेहतर तरीके से नहीं समझ रहे हैं। भारतीय खाद्य पदार्थों को समृद्ध और सुगम बनाने के लिए अमेरिका ने गलत संकेत दिए हैं। इसके अलावा, भारतीय खाद्य पदार्थों को सही तरीके से समझने के लिए अमेरिका को अधिक सूचना प्राप्त करनी चाहिए।
अधिकभारत में एक औसत व्यक्ति के लिए एक औसत दिन काफी कठिन होता है। व्यक्ति सुबह के समय उठता है और अपने कार्य को पूरा करने के लिए शुरू करता है। उसके दौरान वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखता है, अपने मनोरंजन को नहीं भूलता और अपने सभी कार्य समाप्त करता है। उसके बाद व्यक्ति घर की तरफ जाता है और अपने परिवार के साथ स्मार्टफोन और ट्विटर पर अपडेट करता है। शाम में व्यक्ति अपने मनोरंजन के लिए कुछ समय निकालता है और सोते समय प्रॉपर तरफ जाता है।
अधिकभारत में लोगों की आयु को देखते हुए, अगर हम दुनिया के अन्य देशों से तुलना करें तो यह देखा जाता है कि भारत में जीवन की उम्र काफी कम है। यह अंग्रेजी या अन्य देशों में से अलग है। आने वाले समय में भारत देश की आयु में वृद्धि होनी चाहिए, क्योंकि अच्छी आयु होना हमारे स्वास्थ्य, समाज, अर्थव्यवस्था और पॉपुलेशन को मुख्य रूप से प्रभावित करता है। इसलिए, राष्ट्र ने अनेक परियोजनाओं को शुरू कर दिया है ताकि जीवन की उम्र को बढ़ाया जा सके।
अधिकभारत में अनेक भोजन पसंदीदा हैं। ये हर कोई अनुकूल हैं। हमारे भोजन में फलों, दलहनों, गेहूं, रसोई में तैयार खाने का रस और अन्य सामग्री शामिल हैं। भारतीय भोजन में अनेक आहार शामिल हैं जो विभिन्न तरह के पौष्टिक तत्व और पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं।
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